पाकिस्तान के बम निरोधक दस्ते से जुड़ी पहली महिला शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाली राफिया ने कहा कि सात साल पहले एक कोर्ट के पास धमाका हुआ था जिससे वह बल से जुड़ने के लिए प्रेरित हुई। पेशावर, प्रेट्र : पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की 29 वर्षीय राफिया कासिम बेग बम निरोधक दस्ते से जुड़ने वाली देश की पहली महिला बन गई हैं। इस प्रांत में अक्सर ही आतंकी हमले होते रहते हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सात साल पहले बतौर कांस्टेबल पुलिस बल से जुड़ने वाली राफिया अब दस्ते के साथ काम करेंगी। इसके लिए वह नौशेरा के बम निरोधक स्कूल में 15 दिनों की ट्रेनिंग ले रही हैं। उनके साथ 31 पुरुष सदस्य भी ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस दौरान राफिया को विभिन्न तरह के बमों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनको बम पहचानने और उन्हें निष्कि्रय करने के तरीके बताए जाएंगे। शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाली राफिया ने कहा कि सात साल पहले एक कोर्ट के पास धमाका हुआ था जिससे वह बल से जुड़ने के लिए प्रेरित हुई। अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाली राफिया को कई कंपनियों से नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने पुलिस की नौकरी को चुना। राफिया उस टीम की इकलौती महिला सदस्य भी रह चुकी हैं जिसने लेडी रीडिंग अस्पताल के चिकित्सक को बचाया था। इस चिकित्सक को 2010 में अगवा कर लिया गया था। पढ़ें- वित्तीय अनियमितता में लेगार्ड के खिलाफ मुकदमा चलेगा पढ़ें- इस्लामाबाद में मंदिर और श्मशान के लिए भूमि आवंटित
Tuesday, December 13, 2016
पाकिस्तान के बम निरोधक दस्ते से जुड़ी पहली महिला
पाकिस्तान के बम निरोधक दस्ते से जुड़ी पहली महिला शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाली राफिया ने कहा कि सात साल पहले एक कोर्ट के पास धमाका हुआ था जिससे वह बल से जुड़ने के लिए प्रेरित हुई। पेशावर, प्रेट्र : पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की 29 वर्षीय राफिया कासिम बेग बम निरोधक दस्ते से जुड़ने वाली देश की पहली महिला बन गई हैं। इस प्रांत में अक्सर ही आतंकी हमले होते रहते हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सात साल पहले बतौर कांस्टेबल पुलिस बल से जुड़ने वाली राफिया अब दस्ते के साथ काम करेंगी। इसके लिए वह नौशेरा के बम निरोधक स्कूल में 15 दिनों की ट्रेनिंग ले रही हैं। उनके साथ 31 पुरुष सदस्य भी ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस दौरान राफिया को विभिन्न तरह के बमों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनको बम पहचानने और उन्हें निष्कि्रय करने के तरीके बताए जाएंगे। शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाली राफिया ने कहा कि सात साल पहले एक कोर्ट के पास धमाका हुआ था जिससे वह बल से जुड़ने के लिए प्रेरित हुई। अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाली राफिया को कई कंपनियों से नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने पुलिस की नौकरी को चुना। राफिया उस टीम की इकलौती महिला सदस्य भी रह चुकी हैं जिसने लेडी रीडिंग अस्पताल के चिकित्सक को बचाया था। इस चिकित्सक को 2010 में अगवा कर लिया गया था। पढ़ें- वित्तीय अनियमितता में लेगार्ड के खिलाफ मुकदमा चलेगा पढ़ें- इस्लामाबाद में मंदिर और श्मशान के लिए भूमि आवंटित
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