Tuesday, December 27, 2016

नोटों के नंबर कराएंगे अब अंदर


जब्त नोटों के नंबरों से जांच एजेंसियां पकड़ेंगी भ्रष्ट बैंक अधिकारी




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल की अपनी आखिरी मन की बात में यूं ही नहीं कहा था कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह कवायद पहले ही शुरू की जा चुकी है और इसमें काम आ रहे हैं उन नए नोटों के नंबर, जो देश भर में जब्त किए गए हैं। जब्त हुए इन नोटों में एक जैसा क्या है? अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाने वाले बैंक प्रबंधक, जिन्होंने रसूखदार और अमीर लोगों को खुश करने के लिए तय सीमा से बहुत ज्यादा रकम उन्हें दी और पुराने नोटों में उनकी बेनामी संपत्ति को भी नए नोटों में बदल दिया। बैंकों के भीतर यह सब तब किया गया, जब बाहर लाखों लोग दो-दो हजार रुपये के लिए दिन भर कतार में लगे रहे और बैंक नकदी नहीं होने की बात कहकर उन्हें वापस करते रहे। 

इसके बाद उन शाखाओं के प्रबंधकों और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। इन सीरियल नंबर के रिकॉर्ड को दो साल तक सुरक्षित रखना होगा। हालांकि बैंकों ने ये रिका सीसीटीवी फुटेज इस मामले में बहुत कम आएंगी। बैंकों के सूत्रों का कहना है कि जिस बैंक से नोट निकाले गए हैं, वहां उन्हें पहचानने का तरीका होता है। वास्तव में भारतीय रिजर्व बैंक करेंसी चेस्ट वाले बैंकों के संपर्क कार्यालयों से जानकारी मिलने के बाद उन्हें नए नोट जारी करता है। नोटों की गड्डियों वाले बक्से रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि के जरिये करेंसी चेस्ट में भेजे जाते हैं। ये प्रतिनिधि पोतदार कहलाते हैं। गड्डियों को पोतदार और सुरक्षा दल की मौजूदगी में पन्नी फाड़े बगैर ही गिना जाता है। सुरक्षा दल में एक पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी होता है। गड्डियों को गिनने और कटे-फटे नोटों की जांच करने के बाद पुलिसकर्मी के दस्तखत कराए जाते हैं और वह चला जाता है। उसके बाद पोतदार की मौजूदगी में एक दिन में 3 लाख नोट गिने जाते हैं।

जांचकर्ताओं का कहना है कि वे पोतदार और सुरक्षाकर्मी की भूमिका जांच रहे हैं ताकि पता चल सके कि करेंसी चेस्ट तक रकम पहुंचने से पहले तो नोट गायब नहीं हुए। यह भी देखा जा रहा है कि करेंसी चेस्ट के अधिकारियों और पोतदारों ने तो चेस्ट में कामकाज के दौरान नए नोट इधर-उधर नहीं कर दिए। ये तमाम बातें तब पता चलीं, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इसी महीने रिजर्व बैंक के वरिष्ठ विशेष सहायक के माइकल को धर दबोचा। उससे पूछताछ के बाद केंद्रीय बैंक के दो और अधिकारी पकड़े गए, जिन्होंने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए करीब 2 करोड़ रुपये के नोट बदलने में लोगों की मदद की थी। 

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